Shri Ramesh Kumar Bang (Chairmain, The A.P. Mahesh Co. Urban Bank)

यदि किसी बालक के मन में अल्पवय से ही समाज के प्रति अगाध सेवा भावना का सागर हिलोरें मारने लगे, दीन-दुखियों का दर्द सालने लगे, किसी के कष्ट को देखकर हृदय द्रवित हो जाए, धार्मिक आयोजनों को देखकर चेहरे पर असीम शांति परिलक्षित होने लगे, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ भाग लेने को मन मचलने लगे, बुद्धिजीवियों का संसर्ग सर्व प्रिय लगने लगे, समस्याओं में धैर्य और विवेक जाग्रत हो उठे, चुनौतियों के विरूद्ध संकल्पशक्ति चट्टान में रूपान्तरित हो जाए, परिचित तो परिचित, अपरचितों के कार्यों को भी साधना प्रवृति बन जाय, कर्म फल की आकंक्षा गौण और कर्त्तव्य की भावना प्रधान दृष्टिगोचर होने लगे, तो इसे उस बालक के भावी असाधारण प्रतिभा के धनी बालक के भावी असाधारण व्यक्तित्व के निर्माण की प्रक्रिया का शुभारंभ माना जा सकता है। ऐसे ही एक असाधारण प्रतिभा के धनी बालक का जन्म 24 अप्रैल सन् 1965 को भाग्यनगर के धर्म पारायण दम्पति स्वर्गीय रामप्रसादजी एवं स्वर्गीय श्रीमती धापीबाई बंग के यहाँ हुआ। इसी बालक को आज हम रमेश कुमार बंग के नामम से जानते है। आप अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान है। अतः इन्हें अपने भाई-बहनों एवं माता-पिता का भरपूर प्यार-दुलार मिला। यह प्यार दुलार आगे चलकर इनके व्यक्तित्व का सबसे मजबूत पक्ष सिद्ध हुआ और अन्तर्निहित प्रतिभा को मुखर होने के भरपुर अवसर उपलब्ध हुए। इसी का सुखद परिणाम है कि सामाजिक क्षेत्र को रमेशकुमार बंग के रूप में एक सक्षम नेतृत्व, कुशल प्रबंधक एवं संगठक, विचारवान, चिन्तनशील, सुसंस्कारों से युक्त, मृदुभाषी, मिलनसार, कर्मठ एवं निःस्वार्थ समर्पित सेवा भावी कार्यकर्ता प्राप्त हुआ है। यदि इन्हें सामाजिक क्षेत्र का देदीप्यमान नक्षत्र कहा जाय तो असंगत न होगा।
बी.कॉम की शिक्षा प्राप्त रमेश कुमार बंग मात्र 16 वर्ष की आयु से ही सामाजिक कार्यें में रूचि लेने लगे और सौंपे गए दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वाह करते रहे। आज ये आमधारणा बन गयी है कि सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक अथवा इतर किसी भी आयोजन से रमेश कुमार बंग जुड़ गये तो उसकी सफलता असंदिग्ध हो जाती है। हैदराबाद, सिकंदराबाद नगर द्वय में आयोजित कदाचित ही कोई सामाजिक कार्यक्रम रहा होगा जिसमें रमेश कुमार बंग की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहभागिता न रहीं हो। समाज की प्रतिष्ठा एवं हित आपकी गतिविधियों के केन्द्र में रहते है। शोषित, पीड़ित, अभाव ग्रस्त एवं असहायों की सेवा को अपना धर्म के रूप में अंगीकार किया है। आप गौशाला, अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम एवं जरूरतमंदों को सहयोग देते और दिलवाते रहते है। युवा अवस्था में ही आपने समाज सेवा के क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित कर दिए हैं।
आप दक्षिण भारत की प्रथम मल्टी स्टेट शेडयूल्ड बैंक “द ए.पी. महेश को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड” के चेयरमैन है। बैंक इतिहास में इस शीर्षस्थ पद पर पहुँचने वाले आप सबसे युवा पदाधिकारी है। आपकी कार्यदक्षता और व्यावसायिक निपुणता से बैंक तीव्र गति प्रगति पथ पर अग्रसर हैं। आप “द ए.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक्स एण्ड क्रेडिट सोसायिटीज एसोसिएशन” के अध्यक्ष, “अखिल भारतवर्ष मारवाड़ी सम्मेलन” के उपाध्यक्ष, “अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा” के अर्थ मंत्री, “अखिल भारतीय वैश्य महासम्मलेन” के राष्ट्रीय सचिव, “श्री आदित्य विक्रम बिड़ला मेमोरियल व्यापार सहयोग केन्द्र, चेन्नई” के प्रबंध समिति सदस्य, “फेडरेशन ऑफ चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री” (FAPCCI) के प्रबंध समिति सदस्य, “आंध्र प्रादेशिक मारवाड़ी शिक्षा कोष ट्रस्ट” तथा “माहेश्वरी सेवा ट्रस्ट, हैदराबाद” के प्रबंध न्यासी, “अखिल भारतीय माहेश्वरी सेवा ट्रस्ट (इन्दौर)” के न्यासी, “आन्ध्र प्रादेशिक माहेश्वरी सभा ट्रस्ट” के वाइस चेयरमैन, “मारवाड़ी हिन्दी विद्यालय, बेगम बाजार” के उपाध्यक्ष और “माहेश्वरी विद्यालय कबूतरखाना” के प्रबन्ध कारिणी सदस्य है। पूर्व में आप “अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी युवा संगठन” एवं “अ.भा.युवा वैश्य महासम्मेलन” के उपाध्यक्ष, “आन्ध्र प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन”, “आन्ध्र प्रादेशिक माहेश्वरी सभा”, “राजस्थानी स्नातक संघ”, “आन्ध्र प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन”, “आन्ध्र प्रादेशिक मारवाड़ी युवा मंच” के अध्यक्ष, “महर्षि वेदव्यास प्रतिष्ठान, पुणे” के न्यासी एवं “हैदराबाद सेक्युरिटीज एवं इन्टरप्राइजेस लि.” के निदेशक भी रहे हैं।
बैंकिंग क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए बुद्धिजीवियों की राष्ट्रीय संस्था “देलही तेलगु अकादमी” द्वारा “एक्सीलेंस अवार्ड”, समाज की निःस्वार्थ एवं उत्कृष्ठ सेवाओं के उपलक्ष्य में “अखिल भारतवर्षीय युवा मंच” द्वारा आपको “युवा रत्न” से विभूषित किया गया। “दी फायनेंसियल को-ऑपरेटीव बैंक, सुरत” द्वारा “मानव सेवा रत्न”, “मारवाड़ मूँडवा नागरिक मंड़ल”, “हैदराबाद-सिकन्दराबाद एवं धारणा पब्लिक सेवा ट्रस्ट, उदयपुर” द्वारा आपको क्रमशः “मूण्डवा विभूति” एवं “भारत गौरव अवार्ड” से सम्मानित किया गया। स्थानीय संस्थाओं द्वारा अनेक बार आपको सम्मानित किया गया है।